Stock market: बड़ी गिरावट के बाद आज शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी, सेंसेक्स 963 अंकों की बढ़त, निफ्टी में 134 अंकों की छलांग, जानिए क्यों लौटा बाजार?

Stock market: बड़ी गिरावट के बाद आज शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी, सेंसेक्स 963 अंकों की बढ़त, निफ्टी में 134 अंकों की छलांग, जानिए क्यों लौटा बाजार?

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Stock market: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए राहत की खबर है। सोमवार की बड़ी गिरावट के बाद आज शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी हुई है। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 963.48 अंकों की बढ़त के साथ 79,722.88 अंकों पर खुला है। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 295.00 अंकों की बढ़त के साथ 24,350.60 अंकों पर पहुंच गया है। बात करें शेयरों की, तो टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टाटा स्टील में जबरदस्त बढ़त दर्ज हो रही है। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर एकमात्र शेयर है जिसमें गिरावट देखी गई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आज बाजार में उछाल जरूर लौटा है, लेकिन निवेशकों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। वैश्विक बाजार में अस्थिरता है। इसका असर दुनियाभर के बाजारों पर देखा जा सकता है। ऐसे में जल्दबाजी में फैसला लेना नुकसानदायक होगा। हां, यह लंबे समय के लिए निवेश करने का अच्छा मौका है। आप अच्छी कंपनियों के शेयर में थोड़ा पैसा निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड निवेशक नई SIP शुरू करके अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

Stock market: बड़ी गिरावट के बाद आज शेयर बाजार में जबरदस्त रिकवरी, सेंसेक्स 963 अंकों की बढ़त, निफ्टी में 134 अंकों की छलांग, जानिए क्यों लौटा बाजार?

अमेरिका में मंदी की आवाज से मूड खराब हो गया

सोमवार को अमेरिकी मंदी की आवाज से दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। बीएसई सेंसेक्स 2,200 से अधिक अंक गिरा था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 662 अंकों की बड़ी गिरावट आई थी। बैंक, आईटी, मेटल और तेल और गैस के शेयरों में चारों ओर बिकवाली हुई थी। यह जून 4 के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट थी। उस दिन आम चुनाव के नतीजों के बाद बाजार पांच प्रतिशत से अधिक गिर गया था। सोमवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 441.84 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया था। निवेशकों ने दो दिनों में 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाया था।

बाजार का मूड खराब होने का कारण

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों में निवेशक अमेरिकी रोजगार के आंकड़ों में निराशा और येन विनिमय दर में तीव्र वृद्धि के कारण मंदी के डर से सतर्क हो गए थे। इससे ‘कैरी ट्रेड’ यानी सस्ते दर पर उधार लेकर अन्य देशों की संपत्तियों में निवेश को रोक दिया गया। स्टॉक मार्केट डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को करीब 10 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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