Elections: लोकसभा चुनाव के छे महादौरे पूरे हो गए हैं। सातवें महादौरे का मतदान 1 जून को होगा, जिसका अभियान आज शाम को समाप्त हो रहा है। सातवें महादौरे में, आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 57 सीटों पर मतदान होगा। इसमें उत्तर प्रदेश में 13 सीटें, बिहार में आठ, ओडिशा में छह, झारखंड में तीन, हिमाचल प्रदेश में चार, पश्चिम बंगाल में नौ और चंडीगढ़ में एक शामिल है। यह एनडीए और ऑल इंडिया एलायंस के लिए अंतिम और सबसे बड़े चरण के रूप में होगा।
सातवें महादौरे में वाराणसी में भी चुनाव होंगे। यही सीट है जहां पीएम मोदी प्रत्याशी हैं। पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर सीट से अभिषेक बनर्जी और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती पटलीपुत्र सीट से प्रत्याशी हैं।
सातवें चरण में उत्तर प्रदेश में भी इसके लिए महत्वपूर्ण है।
भाजपा के लखनऊ मुख्यालय में आईटी सेल नेता के अनुसार, सातवें चरण में प्रतिस्पर्धा दिलचस्प होगी। राज्य में 13 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। इनमें 65 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2022 में 65 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 में भाजपा के विधायक विजयी हुए हैं। सपा के विधायक 11 विधानसभा क्षेत्रों में, अपना दल (एस)02 में, सुभासपा 04 में और निशाद पार्टी 03 में हैं। सूत्रों के मुताबिक, यदि एनडीए संघीय घटकों को जोड़ा जाए, तो एनडीए ने 52 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी के सचिव सुशील दुबे ने चुनाव सर्वेक्षण और चुनावी गणित पर चार्ट तैयार किए हैं। सुशील दुबे कहते हैं कि जमीनी लड़ाई को समझना होगा। 2022 में चार पार्टियों ने लड़ाई लड़ी थी। सपा रालोद के साथ लड़ी थी। इस बार कांग्रेस भी है और उसके पूर्वांचल में भी वोट है। इंतजार करें और देखें, सभी सांख्यिकियाँ बेकार हो जाएंगी।
क्या कांग्रेस पंजाब में अपनी इज़्ज़त बचा पाएगी?
1 जून को पंजाब में 13 सीटों पर मतदान होगा। 2019 में इनमें से 08 सीटें कांग्रेस के पास थीं और एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। भाजपा को 02 सीटें मिलीं और शिरोमणि अकाली दल को 02 सीटें। आम आदमी पार्टी के नेता डॉ। अरुण धवन कहते हैं कि इस बार लड़ाई कठिन है। आम आदमी पार्टी 08 सीटों पर जीत सकती है। कांग्रेस 03 सीटों पर अच्छी तरह से लड़ रही है। भाजपा भी तीन सीटों पर कड़ी टक्कर में है। अरुण धवन कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी को पुराने नेताओं के पार्टी छोड़ने के कारण नुकसान हो रहा है। इसके कारण, भाजपा को एक और सीट मिल सकती है। जबकि आम आदमी पार्टी पहली बार राज्य की लोकसभा में नंबर-1 पार्टी बनने की तरफ बढ़ रही है।
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड में भी मजबूत मुकाबला है।
2019 में, सातवें चरण की 57 सीटों में से भाजपा ने अकेले 25 सीटें जीतीं। बिहार और उत्तर प्रदेश में, 05 सीटें संघीय तथा उपयुक्तता द्वारा जीती गईं। भाजपा की आईटी सेल के अमित मलविया भी निरंतर मूल्यांकन में लगे हुए हैं। समाजवादी पार्टी के संजय लाठार कहते हैं कि भाजपा की यह गणित उत्तर प्रदेश और बिहार में खराब हो जाएगी। यदि भाजपा पश्चिम बंगाल में अपने 2019 के प्रदर्शन को दोहराती है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। सातवें चरण में मतदान चंडीगढ़ की एक सीट, हिमाचल प्रदेश के 04 सीट, पश्चिम बंगाल के 09 सीट, झारखंड के 03 सीट और ओडिशा के 06 सीटों पर होगा।