NEET पेपर लीक को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) सवालों के घेरे में है. इस मामले में पहली बार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने भी माना है कि गड़बड़ी हुई है. रविवार को उन्होंने कहा, नीट के रिजल्ट में जो गड़बड़ियां हुई हैं उसमें जो भी अधिकारी शामिल पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. यह परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में भी सुधार की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘नीट में दो तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं. पहली- कुछ स्टूडेंट्स को समय कम मिलने के कारण ग्रेस मार्क्स दिए गए. दूसरी-दो जगहों पर अनियमितताएं सामने आई हैं. इन्हें सरकार ने गंभीरता से लिया है.’ नीट का मामला कोर्ट पहुंच चुका है.
परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर स्टूडेंट्स रिजल्ट के विरोध में उतार आए हैं. कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI ने CBI रविवार को दिल्ली में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पूरी मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. देश के कई हिस्सों में छात्रों ने प्रदर्शन किए और पूरी परीक्षा को दोबारा कराने की मांग की है.
ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई में इतनी बड़ी परीक्षा दोबारा की जा सकेगी. जानिए किस हालात में ऐसा किया जा सकता है.
क्या दोबारा होगी नीट की परीक्षा?
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आशीष पांडे कहते हैं, कई वीडियो सामने आ रहे हैं. कई राज्यों में पेपर लीक की खबरें आई हैं. धांधलियों के मामले सामने आए हैं. लेकिन कुछ सेंटर में ही ऐसा होने की बात सामने आई है. अगर यह साबित होता है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई तो कोर्ट नीट के पेपर को दोबारा कराने का आदेश दे सकता है. ऐसे में इस साल हुई परीक्षा को कैंसल करके दोबारा परीक्षा कराई जा सकती है.
वह कहते हैं, दोबारा परीक्षा का आदेश देते समय कई बातों को ध्यान में रखा जाएगा. जैसे- क्या पूरे देश में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है. दोबारा पेपर से नया बैच कितना पिछड़ जाएगा. दोबारा परीक्षा के लिए कितनी तैयारी की जरूरत होगी? अभी तक जो बातें सामने आई हैं उसके आधार पर दोबारा परीक्षा होगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है.
इसे AIPMT के मामले से समझें
साल 2015 MBBS में दाखिले के लिए होने वाली ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (AIPMT) को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि सीबीएसई को 4 हफ्तों के अंदर दोबारा एग्जाम कराने का निर्देश दिया था.
साल 2015 में हुई इस परीक्षा में 6 लाख स्टूडेंट्स बैठे थे. हरियाणा में रोहतक पुलिस ने एग्जाम के ठीक पहले आंसर कीज के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. देश के कई हिस्सों से भी परीक्षा में अनियमितताओं और नकल की खबरें सामने आने के बाद छात्र कोर्ट पहुंच गए थे. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए परीक्षा के नतीजों पर रोक लगाई. इस परीक्षा को कराने की जिम्मेदारी सीबीएसई के पास थी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीएसई को फटकार लगाते हुए पूरे सिस्टम को फेल बताया था. कोर्ट का कहना था कि अगर एक भी गलत शख्स को एडमिशन मिलता है तो क्या हम हम होनहार छात्रों को बलि नहीं चढ़ा रहे. नतीजा सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को रद्द करते हुए दोबारा इसे कराने के निर्देश दिए थे.
वर्तमान हालात देखें तो पहले ग्रेस मार्क्स का मामला और फिर अब पेपर लीक की बात सामने आई है. अब अगर अनियमितताओं का दायरा आगे बढ़ता और नीट के पेपर को दोबारा कराने का फैसला लिया जा सकता है.
नीट को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?
5 जून, 2024 को नीट यूजी की परीक्षा हुई. 23 लाख 30 स्टूडेंट्स शामिल हुए. 4 जून को जारी रिजल्ट में 67 स्टूडेंट्स को पूरे 720 मार्क्स दिए गए. यह इस परीक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ था कि इतने स्टूडेंट्स ने टॉप स्कोर हासिल किया. नतीजा, इस पर सवाल उठे. दिल्ली हाईकोर्ट समेत 7 अन्य उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गईं. इन सभी याचिकाओं को जोड़ते हुए सुप्रीम 8 जुलाई को सुनवाई करेगा. इसमें नीट पेपर लीक और मामले की सीबीआई जांच कराने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.