Delhi Election: दिल्ली में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद फिर से चुनावी बिगुल बजने वाला है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के चार विधायक और एक पार्षद चुनावी मैदान में हैं। दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी और आप ने अपने-अपने विधायकों को उम्मीदवार बनाया है। इनमें से एक की जीत पक्की है। इसके अलावा, अगर बाकी दो विधायक और पार्षद जीतते हैं, तो उन्हें अपने वर्तमान पद से इस्तीफा देना होगा।
दिल्ली विधानसभा के चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होंगे। इस प्रकार विधानसभा का लगभग नौ महीने का कार्यकाल अभी बचा हुआ है। ऐसी स्थिति में विधानसभा सीटों के खाली होने पर उपचुनाव करवाना चुनाव आयोग पर निर्भर करेगा। हालांकि, हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाया गया था, जबकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त हो रहा है।
इस प्रकार, यदि दिल्ली में विधानसभा सीटें खाली होती हैं, तो उपचुनाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं, एमसीडी चुनाव दिसंबर 2022 में हुए थे, जिससे एमसीडी हाउस का कार्यकाल अभी करीब तीन साल बाकी है। इसलिए, अगर पार्षद की सीट खाली होती है, तो उसका उपचुनाव किसी भी हाल में होगा। पहले भी एमसीडी हाउस के कार्यकाल में 10 महीने बाकी होने के बावजूद कई वार्डों में उपचुनाव हो चुके हैं।
तीन आप और एक बीजेपी विधायक मैदान में
आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अपने तीन विधायकों को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने अपने एक विधायक और एक पार्षद को टिकट दिया है। दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से आप और बीजेपी के विधायक आमने-सामने हैं। इस क्षेत्र में आप के साहि राम और बीजेपी के रामवीर सिंह बिधूड़ी चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा, आप ने नई दिल्ली क्षेत्र से अपने विधायक सोमनाथ भारती और पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से कुलदीप कुमार को टिकट दिया है।
बीजेपी ने पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र से द्वारका वार्ड की पार्षद कमलजीत सेहरावत को मैदान में उतारा है। इस प्रकार, मंगलवार को वोटों की गिनती के बाद इन नेताओं की जीत या हार से तीन विधानसभा सीटों और एक एमसीडी सीट के खाली होने की स्थिति स्पष्ट हो जाए